शिमला : प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच विधानसभा का शीतकालीन सत्र 7 दिसम्बर से धर्मशाला के तपोवन में शुरू होने जा रहा है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की सहमति के बाद ही विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। मानसून सत्र की तरह शीतकालीन सत्र में भी हंगामा बने रहने के आसार हैं। विपक्ष की तरफ से सदन में एक बार फिर नियम-67 के तहत कोरोना संक्रमण पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव की मांग की जा सकती है। इससे पहले विधानसभा के इतिहास में पहली बार मानसून सत्र में विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया था, ऐसे में अब देखना यह है कि शीतकालीन सत्र में विपक्ष यदि फिर से ऐसी मांग करता है तो इसको स्वीकार किया जाता है या नहीं? विधानसभा के 5 दिन के सत्र का समापन 11 दिसम्बर को होगा| कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार के शीतकालीन सत्र में कम संख्या में ही अधिकारी एवं कर्मचारी वहां मौजूद होंगे | विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले 23 को मंत्रिमंडल की बैठक होनी है । इस बैठक में कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार एक बार फिर से महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है, जिसमें शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने या न खोले जाने को लेकर निर्णय लिया जायेगा ।
इस बार के शीतकालीन सत्र में हंगामे के आसार, तपोवन में 7 दिसम्बर से शुरू होगा सत्र

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