हिमाचल प्रदेश में दादा-दादी, माता-पिता या पुत्र और अविवाहित बेटी ने अगर सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो उस परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकता। ऐसे में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले लोग पंचायत चुनाव लड़ने का सपना भूल जाएं। नामांकन के साथ प्रत्याशी को ऐसे मामलों में सम्बंदित न होने का शपथ पत्र देना होगा। अगर कोई इन मामलों में सम्बंदित पाया जाता है तो उनका नामांकन रद्द हो जाएगा।उम्मीदवार को नामांकन के दौरान शपथ पत्र में यह दर्शाना होगा कि उसके और उसके परिवार के सदस्यों ने सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं किया है।
कब्जाई सरकारी जमीन तो नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव, पढ़े पूरा मामला

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