हिमालय प्रदेश के क्षेत्रो में छोटे-बड़े करीब 9000 ग्लेशियर हैं। उत्तराखंड और हिमाचल में इनकी संख्या लगभग बराबर है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में पड़ोसी राज्य के मुकाबले ग्लेशियरों का खतरा कम है। प्रदेश में ग्लेशियरों के टूटने और गिरने का खतरा मार्च के बाद अधिक रहता है।
उत्तराखंड की घाटियां संकरी हैं और यहां लोग नदी-नालों के आसपास अधिक बसे हैं।हिमाचल के लाहौल-स्पीति और किन्नौर आदि क्षेत्रों में ऐसा नहीं है। लाहौल के अधिकतर ग्लेशियर टूटकर चंद्राभागा नदी में गिरते हैं। यहां लोग नदी किनारे नहीं बसे हैं। यहां जनसंख्या कम है। क्षेत्रफल अधिक होने से गांव दूर-दूर बसे हैं।
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