समय पर उपचार न मिलने के कारण धर्मकोट के दसालनी में रह रहे पप्पू ने अपना ढाई साल का बेटा खो दिया। पप्पू ने बताया कि रात भर बेटा पेट दर्द से तड़फता रहा। पेट दर्द की दवा जो पहले मैक्लोडगंज पीएचसी से ली थी वह भी बच्चे को दी, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। पुलिस के डर के कारण बेटे को बाहर नहीं ले जा सके। जब रात से सुबह होने लगी तो मकान मालिक को उठाया और मकान मालिक ने बच्चे के ठीक होने के लिए हर संभव मदद की ।
उन्होंने बताया कि 108 आपातकालीन सेवाओं के लिए भी कॉल की गई, लेकिन 108 में फोन सुन रहे कर्मचारी ने बुरा बर्ताब किया जैसे तैसे बच्चे को टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई। परिवार की मदद कर रहे अधिवक्ता निर्मल कुमार ने बताया कि मेहनत मजबूरी करने वाला दरिणी निवासी पप्पू अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ दसालनी में किराये के मकान में रहता है। रात को 12 बजे के करीब उसके बेटे अखिल (ढाई साल) को पेट में तेज दर्द हुआ था।
एडवोकेट निर्मल कुमार निवाससी दसालनी धर्मकोट का कहना है 108 एंबुलेंस सेवा के लिए आने वाले कॉल को सुनने वाले कर्मचारियों को नरम बर्ताब करना चाहिए । बिना परेशानी में कोई कॉल नहीं करता है जब मुश्किल घड़ी हो तब ही 108 में कॉल करता है।
प्रभारी 108 एंबुलेंस जिला कांगड़ा विकास दयोलिया का कहना है फोन सीधे कॉल सेंटर जाता है, वहां से हस्तांतरित होकर जानकारी आती है। इस बारे में फोन करके पता करेंगे। 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध हैं।
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