IGMC SHIMLA इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला के 10 डॉक्टरों और कर्मचारियों के शरीर में एंडीबॉडी पाई गई है। कोरोना संक्रमित होने के बावजूद इनमें कोई लक्षण दिखा और वे स्वस्थ भी हो गए। ऐसा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने के कारण हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच का दायरा बढ़ाते हुए एंडीबॉडी टेस्टिंग शुरू की है। तीन दिन में करीब 300 टेस्ट आइजीएमसी में किए हैं। सीएमओ शिमला डॉ. सुरेखा ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटीबॉडी टेस्टिंग की शुरुआत आइजीएमसी से की गई है। अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों की टेस्टिंग की गई तो 10 के शरीर में एंटीबॉडी पाई गई।

एंटीबॉडी कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए किया जाने वाला टेस्ट है। संक्रमित व्यक्ति का शरीर लगभग एक सप्ताह बाद वायरस से लडऩे के लिए एंटीबॉडी बनाता है। नौवें दिन से 14वें दिन तक एंटीबॉडी बन जाती है। यह टेस्ट खून का सैंपल लेकर किया जाता है। एक घंटे के भीतर टेस्ट की रिपोर्ट आ जाती है। इसमें कोरोना वायरस की मौजूदगी का सीधा पता नहीं चलता। केवल एंटीबॉडी की उपस्थिति की जानकारी मिलती है। इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति को संक्रमण हो चुका है। शनिवार को प्रदेश में 12 कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं। कुल्लू में 7, बिलासपुर में 4 और शिमला में 1 मामला आया है। कुल्लू जिले में सेना के जवान समेत सात कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं। चार मामले कराड़सू गांव और एक अस्पताल में उपचाराधीन मरीज शामिल है। मरीज को उपचार के लिए तेगूबेहड़ अस्पताल के लिए शिफ्ट किया गया है।
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