कोरोना महामारी के बीच बहुत से लोग हिमाचल की ओर आ रहे है| इनमे एमबीए, इंजीनियर, डॉक्टर, आइआइटी डिग्री धारक राज्य सरकार के कौशल रजिस्टर में पंजीकरण करवा रहे हैं, जिससे उन्हें प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिल सकें। बेरोजगार को रोजगार दिलाने के सरकार की योजना के संबंध में प्रदेश के श्रमायुक्त व निदेशक रोजगार एसएस गुलेरिया ने जानकारी दी।
आइएलएलआरइजीआइएसटीइआर.एचपी.जीओवी.इन पर पंजीकरण किया जा रहा है। जो लोग प्रदेश की औद्यौगिक इकाइयों में रोजगार के इच्छुक हैं। इसमें अकुशल, कुशल व व्यावसायिक सभी अपना पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण में उन्हें अपनी शैक्षणिक योग्यता, व्यावसायिक योग्यता और अनुभव की जानकारी देनी होगी। इस रजिस्टर में दर्ज होने वाले सभी का प्रदेश में चल रही 55 हजार औद्योगिक इकाइयों के साथ जानकारी शेयर की जाएगी।
प्रदेश में कौशल रजिस्टर में अभी तक पांच हजार लोगों ने पंजीकरण करवाया है। इनमें एमबीए, इंजीनियर, डॉक्टर, फार्मासिस्ट व अकुशल बेरोजगार भी हैं। पंजीकरण करवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस पंजीकरण का उपयोग बेरोजगारों का पता लगाने और उन्हें रोजगार दिलाने के लिए किया जाएगा।
औद्योगिक इकाइयों में युवाओं को शोषण से बचाने के लिए लगातार उद्योगों का निरीक्षण किया जा रहा है। उनके दस्तावेजों की जांच जिसमें कर्मचारियों को दिए जा रहे वेतन सहित अन्य निर्देशों को भी जांचा जा रहा है। कोरोना संकट के दौरान शारीरिक दूरी और मास्क व सैनिटाइजेशन के साथ अन्य आवश्यक सुविधाओं का निरीक्षण किया जा रहा है। जिन उद्योगों के कर्मचारियों की शिकायतें आ रही हैं उनका निपटारा भी किया जा रहा है।
औद्योगिक ईकाइयां अकुशल बेरोजगारों के कौशल को बढ़ाने और उन्हें प्रशिक्षण व रोजगार देने के लिए तैयार हैं। इस संबंध में औद्योगिक ईकाइयों से बात की गई है। यदि पंजीकरण करवाने वाले युवा अपने कौशल को बढ़ाना चाहते हैं जिससे उन्हें बेहतर रोजगार मिले और आय भी बढ़े तो प्रशिक्षण दिया जाएगा। पंजीकरण के लिए कोई शुल्क भी नहीं है। इसे युवाओं को रोजगार में मदद दिलाने के लिए किया जा रहा है। इस कौशल रजिस्टर को औद्योगिक ईकाइयों के साथ साझा करने से जिन कर्मचारियों की आवश्यकता होगी उन्हें बुला लेंगे।
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